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बैंक धोखाधड़ी के मामलों में 2018-19 में आई कमी: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि 1 लाख रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी की घटना घटकर 2018-19 में 6735 रह गई है जो कि बीते वित्त वर्ष में 9866 थी।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 05:57 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 08:45 AM (IST)
बैंक धोखाधड़ी के मामलों में 2018-19 में आई कमी: निर्मला सीतारमण
बैंक धोखाधड़ी के मामलों में 2018-19 में आई कमी: निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एक लाख रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी की घटना घटकर 2018-19 में 6,735 रह गई है जो कि बीते वित्त वर्ष में 9,866 थी। इस बात की जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि 2018-19 के दौरान 2,836 करोड़ रुपये की 6,735 बैंक फ्रॉड की घटनाएं हुईं जो कि बीते वर्ष की तुलना में 4,228 करोड़ रुपये की 9,866 से कम थी। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल सिस्टम में अनुशासन की कमी और एक सुस्त क्रेडिट कल्चर की वजह से धोखाधड़ी की संभावना को बढ़ावा मिलता था।

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इससे पहले फाइनेंशियल सिस्टम में क्रेडिट कल्चर और अनुशासन काफी कम था। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकरों की भूमिका भी पहले की तरह कड़ाई से जांच नहीं की गई थी। और ऑडिटर को स्वतंत्र रूप से विनियमित नहीं किया गया था। सीतारमण ने कहा कि व्यापक सुधारों के माध्यम से क्रेडिट कल्चर में परिवर्तन को स्थापित किया गया है और वित्तीय प्रणाली में प्रत्येक हितधारक के लिए अनुशासन को कड़ा किया गया है, जिससे धोखाधड़ी की घटना में गिरावट आई है।

मंत्री ने यह भी कहा कि RBI ने इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल ट्रांजेक्शन से संबंधित सिक्योरिटी और रिस्क के संबंध में व्यापक निर्देश जारी किए हैं, जिसमें सभी ट्रांजेक्शन के लिए ऑनलाइन अलर्ट, व्यापारी टर्मिनलों के सर्टिफिकेशन और सभी मौजूदा मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्डों को ईएमवी चिप और पिन कार्ड में बदलना शामिल है।

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एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सकल लोन और सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (GNPA) का अनुपात 2017, 2018, 2019 (अस्थाई आंकड़े) क्रमश: 9.3 फीसद, 11.8 फीसद और 9.08 फीसद था। उन्होंने कहा कि 2014-15 से 2018-19 के दौरान पब्लिक सेक्टर के बैंकों का रीकैपिटलाइजेशन3,19,497 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 1,30,225 रुपये का रीकैपिटलाइजेशन शामिल है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले चार वित्त वर्षों में पीएसबी को 3.12 लाख करोड़ रुपये की सीमा तक रीकैपिटलाइजेशन किया गया था, जिसमें सरकार की तरफ से 2.46 लाख करोड़ रुपये और खुद की तरफ से 0.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाया गया था। एक अलग सवाल का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि आरबीआई के पास अन्य कानूनों के तहत पावर भी हैं, जिनमें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 12 के तहत पावर और अधिनियम और नियमों आदि के अनुपालन के लिए निरीक्षण करना शामिल हैं। 


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